व्यापारी ईमानदारी :-
ये दोनो शब्द कितने मिल रहे है , कितना (match) है , लेकिन शब्द तो मिल रहे है , अगर ईमानदारी के अंदर व्यापारी हो जाये या व्यापारी के अंदर ईमानदारी हो जाये तो बहुत बढ़िया हो ।
अच्छा आप सोच रहे होगे ईमानदारी के अंदर व्यापारी ये बात समझ मे नही आयी अरे भाई बात एक ही और फिर भी न समझ आए तो अंदर को अंडर कह लीजिए अब तो समझ आ ही गया ।
कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि काम कोई भी हो ईमानदारी से किया जाये तो वो एक सत्कर्म का स्वरूप हो जाता है ।
तो इसलिए कार्य कोई भी हो ईमानदारी से हो तो आप भी प्रसन्न रहेगे और सामने वाला भी प्रसन्न रहेगा ।
जय श्री राधे
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Radhe radhe all of you