बुधवार, 26 दिसंबर 2018

कुछ न कुछ सीखते रहो

कुछ न कुछ सीखते रहो :-

                                          हमे सदैव कुछ न कुछ किसी न किसी से सीखते रहना चाहिए । 
लेकिन हमे जो भी सीखना है वो अच्छा सीखना है बुरा नही अपने मतलब का सीखना है , अब ये नही की यहा सीखने की बात कही जा रही है तो आप सोचो कि हा कुछ न कुछ सीखने के लिए कहा गया तो आप किसी को देखकर नशा करना सीख ले , मारना पीटना आदि बुरे काम सीखे नही । 
हमे अच्छी बाते सीखनी है और सिर्फ एक मनुष्य नही किसी भी जीव जन्तु से चाहे वो चीटी हो या मधुमक्खी दत्तात्रेय जी जो भगवान के स्वरूप है उन्होने हमे यही बताया कि हमे सभी से अच्छी बाते सीखनी चाहिएअब आप सोच रहे होगे कि पशु पक्षी से क्या सीखे तो देखिए  चीटी हमे कठिन परिश्रम करना सिखाती है मधुमक्खी परोपकार करना स्वयं मेहनत करके शहद बनाती है और मजे हम लेते है । 
हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी को एक वयक्ति ने पत्र दिया और उसमे गाली ही गाली लिखी थी बापू ने उस पत्र को बड़े ध्यान से पढ़ा और उनके पास रहने वाले वयक्ति को कहा  लो इसे फेक दो उस वयक्ति ने सोचा कि अभी तो बड़े ध्यान से पढ़ रहे थे अब फेकने को कह रहे है तो सोचा देखु क्या लिखा है तो देखा गाली उसे बडा गुस्सा आया है उसने कहा बापू आप इन गलियो को ध्यान से पढ़ रहे थे तो बापू ने बड़े धीरे से कहा नही मै तो अपने मतलब कि चीज ढूढ रहा तो उसने कहा इसमे आपके मतलब का क्या है तो कहा मेरे मतलब कि ये पिन थी जो मैने निकाल ली । 

तो कहने का अर्थ सभी से कुछ अच्छा  सीखे बडों से तो सीखे ही छोटों से भी सीखे । 
                             जय श्री राधे 

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