प्रेरणा के स्त्रोत :- देखिये प्रेरणा का मतलब तो आप सभी समझते है ,तो इसलिए मुझे लगता है ,कि इसको ज्यादा खींचने की जरूरत नहीं है ,लेकिन एक छोटे से उदाहरण के द्वारा आपको समझाना चाहेंगे जैसे कोई बच्चा पढ़ाई नहीं कर रहा लेकिन अगर उसी समय वो अपने पड़ोस में अपने किसी दोस्त को पढ़ता देख ले तो उसे भी कही ना कही लगेगा कि नहीं मुझे भी पढ़ना चाहिए तो हम कह सकते है ,कि हमारे बच्चे को पड़ोस के बच्चे से पढ़ने कि प्रेरणा मिलती है ,या फिर आपने बच्चे से कहा या समझाया कि अगर आप मन लगाकर पढ़ाई करेंगे तो आप एक दिन बहुत बड़े आदमी बनेगे आपका नाम होगा सभी आपको आपके अच्छे काम से जानेगे तो अगर आपकी बात को सुनकर बच्चा पढ़ने लगे तो भी हम इस बात को कह सकते है ,कि बच्चे ने आपकी बातो से प्रेरणा ली।
तो ये था प्रेरणा का मतलब अब देखिये आज कल बच्चे बिगड़ रहे है ,माता - पिता का कहना नहीं मान रहे है ,जिसको लेकर वो हमेशा परेशान रहते है ,और उनकी परेशानी भी जायज है , लेकिन एक बात नहीं समझ आयी कि ये बच्चे बिगड़ कैसे गए। अब ज्यादातर जो मैंने देखा और सुना है ,लोगो के द्वारा तो उससे मुझे जो बाते समझ आयी चलिए वो बताती हु आपको अच्छा आप में से कई लोग या हम लोग जब प्रधानमंत्री जी को या किसी बड़े व्यक्ति को देखते है तो हम लोगो के मन में एक बात तो आती होगी कि काश हम भी ऐसे बन पाते और अगर अपने लिए नहीं तो अपने बच्चो के लिए तो इस बात को सोचते है कि काश हमारा बेटा या बेटी भी कभी ऐसी बन पाती और सिर्फ सोचकर आपको बहुत गर्व महसूस होता है ,तो सोचिये जब वो बन जाये तो कैसा लगेगा आपको फिर दुसरे ही पल आप सोचते है कि ये क्या बनेगा नालायक न इसका पढ़ाई में मन लगता न ही इसमें कोई अच्छे गुण है। एक बात बताऊ आपको देखिये अगर आप मन से चाहते है ,कि आपके बच्चे पैसे कमाने के साथ - साथ एक अच्छे व्यक्ति भी बने तो उन्हें अच्छे संस्कार दीजिये क्यों की पैसे कमाना बड़ी बात नहीं उसका सही ढंग से उपयोग करना बड़ी बात है , क्यों कि कुछ लोग पैसे कमाने लगते है या थोड़ा ज्यादा पैसा या पद आ जाता है ,तो वो ऐसे अकड़ के चलते है ,जैसे यही सबके मालिक है। खैर हम प्रेरणा के स्रोत की बात कर रहे थे , अच्छा आपने कभी सोचा कि कुछ वर्ष पहले हमारे देश में कितने महापुरुष हुए जैसे - महात्मा गाँधी जी , सरदार वल्लभ भाई पटेल ,पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ,मदनमोहन मालवीय जी ,बाल गंगाधर तिलक आदि कई महापुरुष जिन्होंने समाज के लिए अपने देश के लिए निःस्वार्थ भाव से काम किया और समाज में एक प्रेरणा के स्रोत बने । तो ऐसे महान लोगो से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए , लेकिन आज कल के बच्चे तो कार्टून , फिल्मो ,सीरियल वालो से प्रेरणा लेते है , और मुझे नहीं लगता कि आज कल कि फिल्मो से कुछ प्रेरणा लेने लायक बचा भी है , और जो लेते भी है , वो बस लैला मजनू ही बने पूरी जिंदगी घुमते रहते है , या फिर छोटे कपडे पहनना सीखते है , और अंगो का प्रदर्शन कर अपने आप को महान ,और मॉडर्न समझते है , अरे आप सभी अच्छे से जानते है ,कि ये सब विदेशी सभ्यता है , तो क्या अपनी भारतीय सभ्यता या संस्कृति को अपनाना गलत है ,या फिर शर्म आती है आपको। खैर मुझे जो ठीक लगा वो मैंने आपको बताने की कोशिश की आगे मर्जी आपकी अगर आपको मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो माफ कीजियेगा लेकिन यही सच है ,और ये आप सभी जानते है। और अगर जीवन में प्रेरणा लेनी हो तो किसी महापुरुष से बुद्ध पुरुष से लीजिये और अपने ग्रंथो से रामचरितमानस ,गीता आदि से लीजिये क्यों कि इनकी प्रेरणा से ही आप जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते है किसी और से नहीं । राधे राधे
तो ये था प्रेरणा का मतलब अब देखिये आज कल बच्चे बिगड़ रहे है ,माता - पिता का कहना नहीं मान रहे है ,जिसको लेकर वो हमेशा परेशान रहते है ,और उनकी परेशानी भी जायज है , लेकिन एक बात नहीं समझ आयी कि ये बच्चे बिगड़ कैसे गए। अब ज्यादातर जो मैंने देखा और सुना है ,लोगो के द्वारा तो उससे मुझे जो बाते समझ आयी चलिए वो बताती हु आपको अच्छा आप में से कई लोग या हम लोग जब प्रधानमंत्री जी को या किसी बड़े व्यक्ति को देखते है तो हम लोगो के मन में एक बात तो आती होगी कि काश हम भी ऐसे बन पाते और अगर अपने लिए नहीं तो अपने बच्चो के लिए तो इस बात को सोचते है कि काश हमारा बेटा या बेटी भी कभी ऐसी बन पाती और सिर्फ सोचकर आपको बहुत गर्व महसूस होता है ,तो सोचिये जब वो बन जाये तो कैसा लगेगा आपको फिर दुसरे ही पल आप सोचते है कि ये क्या बनेगा नालायक न इसका पढ़ाई में मन लगता न ही इसमें कोई अच्छे गुण है। एक बात बताऊ आपको देखिये अगर आप मन से चाहते है ,कि आपके बच्चे पैसे कमाने के साथ - साथ एक अच्छे व्यक्ति भी बने तो उन्हें अच्छे संस्कार दीजिये क्यों की पैसे कमाना बड़ी बात नहीं उसका सही ढंग से उपयोग करना बड़ी बात है , क्यों कि कुछ लोग पैसे कमाने लगते है या थोड़ा ज्यादा पैसा या पद आ जाता है ,तो वो ऐसे अकड़ के चलते है ,जैसे यही सबके मालिक है। खैर हम प्रेरणा के स्रोत की बात कर रहे थे , अच्छा आपने कभी सोचा कि कुछ वर्ष पहले हमारे देश में कितने महापुरुष हुए जैसे - महात्मा गाँधी जी , सरदार वल्लभ भाई पटेल ,पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ,मदनमोहन मालवीय जी ,बाल गंगाधर तिलक आदि कई महापुरुष जिन्होंने समाज के लिए अपने देश के लिए निःस्वार्थ भाव से काम किया और समाज में एक प्रेरणा के स्रोत बने । तो ऐसे महान लोगो से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए , लेकिन आज कल के बच्चे तो कार्टून , फिल्मो ,सीरियल वालो से प्रेरणा लेते है , और मुझे नहीं लगता कि आज कल कि फिल्मो से कुछ प्रेरणा लेने लायक बचा भी है , और जो लेते भी है , वो बस लैला मजनू ही बने पूरी जिंदगी घुमते रहते है , या फिर छोटे कपडे पहनना सीखते है , और अंगो का प्रदर्शन कर अपने आप को महान ,और मॉडर्न समझते है , अरे आप सभी अच्छे से जानते है ,कि ये सब विदेशी सभ्यता है , तो क्या अपनी भारतीय सभ्यता या संस्कृति को अपनाना गलत है ,या फिर शर्म आती है आपको। खैर मुझे जो ठीक लगा वो मैंने आपको बताने की कोशिश की आगे मर्जी आपकी अगर आपको मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो माफ कीजियेगा लेकिन यही सच है ,और ये आप सभी जानते है। और अगर जीवन में प्रेरणा लेनी हो तो किसी महापुरुष से बुद्ध पुरुष से लीजिये और अपने ग्रंथो से रामचरितमानस ,गीता आदि से लीजिये क्यों कि इनकी प्रेरणा से ही आप जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते है किसी और से नहीं । राधे राधे
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Radhe radhe all of you