शुध्द आहार

शुध्द आहार :-

             
जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन 




हमारे महापुरूषो का कथन हैं कि हम जैसा भोजन करते हैं वैसे ही हमारे विचार हो जाते हैं अगर हम शुध्द भोजन करते हैं तो हमारे विचार भी शुध्द होते हैं लेकिन आज कल गलत भोजन करना फैशन बन चुका हैं ।

विचार किजिए अगर आपके बच्चे को कोई खा जाए तो आपको कैसा लगेगा सीधी बात हैं ये किसी को अच्छा नही लगेगा ।

ठीक वैसे ही जब हम उन पशुओं के बच्चे खा जाते हैं तो उन्हे कैसा लगता होगा भले ही वो बोल न सके लेकिन दर्द तो उन्हे भी होता हैं । और ये हमारे सेहत के लिए भी हानिकारक हैं ।

भगवान ने इतनी अच्छी अच्छी वस्तुएँ बनायी हैं उन्हे खाइए और शाकाहारी ही सबसे ज्यादा सुखी रहता हैं स्वस्थ रहता और ठाकुर जी को भोग लगाकर उस प्रसाद को पाए फिर तो कहना क्या तो इसलिए रसोई मे भोजन बनाने के बाद सबसे पहले ठाकुर जी को भोग लगाइए और वही प्रसाद पूरे भोजन मे मिलाकर सब खाइए इससे आपके विचार भी शुध्द होगे और दीमाक भी तेज होगा मन मे शांति रहेगी जिससे घर मे शांति रहेगी ।

                                                         जय श्री राधे

                                                               


2 टिप्‍पणियां:

Radhe radhe all of you