शनिवार, 2 मार्च 2019

झगड़ा लंगड़ा हो तो अच्छा लेकिन तगड़ा हो तो बुरा

जैसा की आज का टाइटल (title) रखा गया झगड़ा लंगड़ा हो तो अच्छा लेकिन तगड़ा हो तो बुरा , अब आप सोच रहे होगे कि भला झगड़ा कैसे लंगड़ा हो सकता है , क्यो कि तगड़ा तो समझ आया लेकिन लंगड़ा ।

चलिए अब ज्यादा दिमाक मे जोर मत डालिए अब आपको बता ही देते है , इसका मतलब ,  देखिए हर रिश्ते मे झगड़े तो होते ही है , चाहे वो पति - पत्नी का हो माँ बेटे का हो या भाई बहन का हो , कहने का मतलब लगभग सभी रिश्तो मे झगड़े होते है ।

और शायद इन रिश्तो मे प्रेम का कारण भी ये झगड़े ही होते है क्यो कि कड़वे के बाद ही मीठे कि कीमत समझ आती है ।

लेकिन फिर वही बात कि अगर झगड़े लंगड़े हो तब तो ठीक मतलब थोड़ी सी नोक -झोंक वाले यानी लंगड़े लेकिन अगर वही झगड़े बड़ा रूप ले ले यानी तगड़े हो जाये तब वो रिश्ते तोड़ देते है ।

इसलिए झगड़ों को लंगड़े रहने दे तगड़े न होने दे कोशिश यही करे और अगर सामने वाला ही इसे तगड़ा होने दे तब तो आप भी इसकी खातिरदारी कर दे तो कुछ गलत नही होगा । समझ गए कि हम क्या कहना चाहते है ।

                        राधे राधे